
📰 “आपातकाल की काली रात का विरोध और जनतंत्र की मशाल: मेरठ में सुरेश राणा जी का ऐतिहासिक नेतृत्व”
मेरठ, 25 जून 2025 – लोकतंत्र को कुचलने वाली भारत की सबसे काली तारीख—आपातकाल (Emergency) की 50वीं बरसी पर आज मेरठ में एक ऐतिहासिक प्रदर्शनी का आयोजन हुआ, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व मा० केंद्रीय मंत्री श्री चंद्र कृपाल गुर्जर जी के साथ उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं जमीनी जननेता श्री सुरेश राणा जी ने भाग लेकर कार्यक्रम को गरिमामयी बना दिया।
📌 कार्यक्रम की प्रमुख बातें:
- प्रदर्शनी में 25 जून 1975 की रात को लगे आपातकाल की विभीषिका को दस्तावेजों, पोस्टर्स और साक्ष्यों के माध्यम से दिखाया गया।
- सुरेश राणा जी ने लोगों को बताया कि कैसे आपातकाल के दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस की आज़ादी और संविधान की आत्मा को कुचला गया था।
- देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के अंतर्गत उन्होंने एक पौधा भी रोपित किया, यह संदेश देते हुए कि “देश की मिट्टी और माँ के लिए समर्पण हमारा धर्म है।”
🗣️ सुरेश राणा जी ने कहा:
“आपातकाल स्वतंत्र भारत पर एक कलंक था। यह सिर्फ राजनीतिक दमन नहीं था, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा पर सीधा आघात था।”
🧾 ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (25 जून 1975)
- तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 25 जून 1975 को आपातकाल लागू किया गया था।
- नागरिक अधिकार, प्रेस की स्वतंत्रता और न्यायपालिका को बुरी तरह दबा दिया गया था।
- जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, और हजारों विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया।
- सुप्रीम कोर्ट तक ने उस समय केंद्र सरकार के आदेशों को चुनौती देने में असहायता जताई थी।
🔍 किन-किन नेताओं ने आपातकाल का विरोध किया:
- जेपी आंदोलन के तहत लाखों युवाओं ने सड़कों पर उतरकर विरोध किया।
- जनसंघ, RSS, और अन्य राष्ट्रवादी संगठनों ने लोकतंत्र की बहाली के लिए संघर्ष किया।
- 1977 में जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत से यह स्पष्ट हो गया कि भारत का मतदाता कभी तानाशाही को स्वीकार नहीं करेगा।
🛕 सुरेश राणा: ज़मीन से जुड़े जननेता
➡️ रोज़ाना कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी
➡️ जनता की समस्याओं पर सीधा संवाद
➡️ थाना भवन विधानसभा क्षेत्र में लोकप्रियता की ऊँचाई
➡️ भविष्य के विधायक पद के सबसे प्रबल दावेदार
आज की प्रदर्शनी सिर्फ अतीत को याद करने का अवसर नहीं थी, बल्कि यह संकेत था कि सुरेश राणा जैसे नेता भविष्य में प्रदेश और राष्ट्र को एक नई दिशा देने का माद्दा रखते हैं।
📸 कार्यक्रम में शामिल भीड़, जनसमूह की उपस्थिति और जनता का उत्साह यह साबित करता है कि सुरेश राणा एक बार फिर जनता के मन में बस चुके हैं।
🖊️ रिपोर्ट: NDUP मीडिया
📍स्थान: मेरठ
🗓️ दिनांक: 25 जून 2025