
“सुबह 5 बजे बिजली इंस्पेक्टरों की रेड, महिलाओं को धमका कर वसूली! शामली के गांवों में JE और दलालों की गठजोड़ से मचा हड़कंप!”
उत्तर प्रदेश सरकार की सख्ती के बावजूद कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की करतूतें उजागर, NDUP की जांच में हुआ बड़ा खुलासा
मुख्य खबर:
शामली | NDUP विशेष रिपोर्ट
जहां एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ विभागीय कर्मचारी इस छवि को दागदार करने पर तुले हैं।
ताज़ा मामला सामने आया है ज़िला शामली के गैगवान ग्राम पंचायत से, जहाँ बिजली विभाग के एक जेई (जूनियर इंजीनियर) समेत कुछ प्राइवेट दलाल मिलकर ग्रामीणों को अवैध रूप से डरा-धमका कर जबरन मोटी रकम वसूल रहे हैं।
NDUP की ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक, सुबह 4:30 से 5:00 बजे के बीच कुछ विभागीय कर्मचारी और प्राइवेट लोग गांव में प्रवेश करते हैं, बिना किसी वारंट या लिखित आदेश के घरों में घुसते हैं, खासकर महिलाओं को डरा कर वीडियो बनाते हैं, और फिर 30 से 40 हज़ार रुपये के फर्जी नोटिस थमा देते हैं। बाद में “केस से बचाने” के नाम पर दलाल इन परिवारों से मौके पर ही पैसा वसूल कर लेते हैं।
विभाग के पास क्या अधिकार हैं और कहां हो रहा उल्लंघन?
बिजली विभाग को उत्तर प्रदेश विद्युत आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए Electricity Act 2003 के अंतर्गत कुछ विशेषाधिकार दिए गए हैं:
1. धारा 126 – अवैध उपयोग या मीटर बाईपास पर आकलन करने का अधिकार।
2. धारा 135 – बिजली चोरी पर FIR दर्ज कराई जा सकती है।
3. धारा 152 – समझौता शुल्क (compounding fee) लेकर मामला खत्म किया जा सकता है।
लेकिन इन सभी कार्यवाहियों का एक निर्धारित प्रोसेस होता है:
नोटिस देने से पहले आकलन टीम और निरीक्षण की लिखित सूचना देना आवश्यक है।
घर में घुसने के लिए मजिस्ट्रेट का आदेश या पुलिस की मौजूदगी ज़रूरी है।
महिलाओं के साथ महिला कर्मी की उपस्थिति अनिवार्य है।
किसी भी वीडियो रिकॉर्डिंग का वैध उपयोग तभी संभव है जब वह न्यायिक अनुमति से हो।
यहाँ ये सभी नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है।
DM और पुलिस प्रशासन की भूमिका सराहनीय हो सकती है, यदि…
शामली प्रशासन, खासकर ज़िलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक, ऐसे मामलों में पहले भी त्वरित कार्यवाही के लिए जाने जाते हैं। यदि उन्हें सही तथ्यों और सबूतों के साथ यह शिकायत पहुंचाई जाए, तो यकीनन कार्यवाही होगी।
NDUP प्रशासन से निवेदन करता है कि:
गैगवान में हो रही इस विभागीय गुंडागर्दी की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए,
अवैध वसूली और महिलाओं को धमकाने पर IPC की धारा 452 (घर में गैरकानूनी प्रवेश), 506 (आपराधिक धमकी), 354 (महिलाओं के सम्मान से खिलवाड़), और भ्रष्टाचार अधिनियम 1988 की धारा 13 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए।
NDUP का संदेश:
- “योगी सरकार की मंशा साफ है – भ्रष्टाचार से समझौता नहीं। अब ज़रूरत है कि जनता जागे, सबूत इकट्ठा करे, और आवाज़ बुलंद करे। NDUP हमेशा जनता के साथ खड़ा है!”