
वीरता की मिसाल: मुरली नायक की शहादत
जम्मू-कश्मीर के नियंत्रण रेखा (LoC) पर चल रहे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेना के 25 वर्षीय जवान एम. मुरली नायक ने अद्वितीय साहस का परिचय देते हुए पांच आतंकवादियों को ढेर कर दिया। इस वीरता के प्रदर्शन के पश्चात, मुरली नायक शहीद हो गए।
मुरली नायक का जन्म आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के गोरंटला मंडल के कल्ली थांडा गांव में हुआ था। उनके माता-पिता, मुदावत श्रीराम और ज्योथिबाई, मुंबई में निर्माण कार्य में मजदूरी करते हैं। मुरली ने दिसंबर 2022 में भारतीय सेना की 851 लाइट रेजिमेंट में सेवा शुरू की थी।
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राष्ट्र का नमन: श्रद्धांजलि और संवेदनाएं
मुरली नायक की वीरगति पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर ने गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री नायडू ने कहा, “देश हमेशा 25 वर्ष की आयु में किए गए उनके बलिदान को याद रखेगा और राज्य सरकार परिवार के साथ मजबूती से खड़ी रहेगी।”
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प्रेरणा की मिसाल: मुरली नायक का जीवन
मुरली नायक बचपन से ही भारतीय सेना में शामिल होने का सपना देखते थे। उन्होंने विज्ञान हाई स्कूल, सोमंदेपाली से पढ़ाई की थी और दिसंबर 2022 में सेना में भर्ती हुए। उनके पिता श्रीराम नायक ने बताया कि मुरली सेना की वर्दी से बहुत प्यार करते थे और हमेशा देश की सेवा करने को लेकर प्रेरित थे।
अंतिम संदेश: परिवार के लिए चिंता
मुरली नायक ने 6 मई की रात अपने परिवार को फोन कर बताया था कि सीमा पार से गोलाबारी हो रही थी। अगले दिन उन्होंने फिर से संपर्क किया और बताया कि अब गोलाबारी पहले से ज्यादा तेज हो गई थी। इस दौरान वह अपने माता-पिता के लिए चिंतित थे।
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जय हिंद: मुरली नायक की शहादत को सलाम
मुरली नायक की शहादत समस्त भारतवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी वीरता हमें एकजुट होकर देश की सेवा के लिए प्रेरित करती है। हम सभी भारतवासी उनके बलिदान को नमन करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उनका आत्मा शांति पाए।