
बिजली विभाग में बड़ी कार्रवाई: शामली के दो वरिष्ठ अधिकारी सस्पेंड, जोगिंदर बाबू जैसों पर भी कार्रवाई की उठी मांग
शामली — योगी आदित्यनाथ सरकार के शासनकाल में भ्रष्टाचार पर एक और बड़ी चोट। ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक द्वारा शामली जिले के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र कुमार और अधिशासी अभियंता प्रमोद कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। यह कार्रवाई विभागीय गड़बड़ियों और जनता की लगातार शिकायतों के बाद की गई।
रेड लाइन लॉस और वाणिज्यिक प्रदर्शन पर गिरी गाज
मेरठ जोन के प्रबंध निदेशक ने जांच में पाया कि शामली बिजली विभाग की वाणिज्यिक स्थिति अन्य जिलों की तुलना में बेहद खराब है। इसी आधार पर यह कठोर कार्रवाई हुई।
NDUP की रिपोर्टिंग के बाद हरकत में आया सिस्टम
गांव गोगावान में NDUP की टीम ने बिना सूचना के छापेमारी, अवैध वसूली और 10,000 रुपए की मांग जैसी घटनाओं को उजागर किया था। NDUP के पास फिजिकल सबूत मौजूद हैं, जहां एक युवक ने NDUP रिपोर्टर की मौजूदगी में पैसे देने की बात स्वीकार की थी। वहां पर एक किसान यूनियन नेता की मौजूदगी भी पाई गई थी, जो इस पूरे लेन-देन में अप्रत्यक्ष भूमिका निभा रहा था।
जोगिंदर बाबू पर जनता का फूटा गुस्सा
शामली के कार्यालय एक्शन-4 में वर्षों से जमे जोगिंदर बाबू का नाम फिर चर्चा में है। लोगों का आरोप है कि यह बाबू दलालों के ज़रिए काम करवाता है और आम जनता को जानकारी नहीं देता। ऐसा लगता है जैसे पूरा दफ्तर ‘पारिवारिक जागीर’ की तरह चलाया जा रहा है।
जनता और जागरूक नागरिकों की मांग है कि:
जोगिंदर बाबू जैसे बाबुओं को शामली से हटाया जाए
उनकी संपत्ति और लेन-देन की जांच हो
कार्यालयों को दलाल मुक्त किया जाए
लाइनमैन और J.E. की मिलीभगत पर सवाल
NDUP की पड़ताल में सामने आया कि लाइनमैन द्वारा की जा रही अवैध वसूली J.E. (जूनियर इंजीनियर) की जानकारी और संरक्षण में हो रही है। ऐसे में J.E. की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।
योगी सरकार की सख्ती से जनता को मिली राहत
बिजली विभाग में वर्षों से जमे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई से जनता में राहत की भावना है। लोगों को अब भरोसा हो चला है कि अगर आवाज़ उठाई जाए और सच्चाई सामने लाई जाए, तो योगी सरकार में कोई भी अधिकारी कार्रवाई से बच नहीं सकता।
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NDUP इस मामले की और भी गहराई से जांच कर रहा है। आने वाले दिनों में और नाम सामने लाने की तैयारी है। NDUP की यह जिम्मेदार पत्रकारिता एक उदाहरण है कि मीडिया अगर ईमानदारी से काम करे, तो बदलाव मुमकिन है।