
कैराना: नशा तस्करों को समर्थन देने पर भाकियू संघर्ष मोर्चा घिरी, इंस्पेक्टर का सख़्त संदेश – “चाहे जो हो, बख्शा नहीं जाएगा”
कैराना – सोशल मीडिया पर भारतीय किसान यूनियन संघर्ष मोर्चा के कुछ पदाधिकारियों द्वारा यूटूबर व पत्रकार शहजाद बद्री पर झूठे आरोप लगाने की कोशिश उस वक्त नाकाम साबित हुई जब कैराना थाना प्रभारी ने खुद सख्त लहजे में उन बातों की पुष्टि कर दी जिनको शहजाद बद्री ने उठाया था।
दरअसल, भाकियू संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी एक ज्ञापन लेकर थाना पहुंचे और शहजाद बद्री पर पैसे मांगने व झूठी खबर चलाने का आरोप लगाया। यह आरोप युवा जिला अध्यक्ष समरयाब चौहान के पक्ष में लगाए गए, जिन पर शहजाद बद्री ने अपने चैनल NDUP पर नशा कारोबार को लेकर सवाल उठाए थे।
मगर इस मुलाकात में थाना प्रभारी ने यूनियन के लोगों से साफ कहा कि –
“गांव गोगवान सहित कई इलाकों में स्मैक का कारोबार बहुत बढ़ गया है। युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। अगर यही हाल रहा तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा – चाहे वो किसी संगठन में हो या किसी रसूखदार से जुड़ा हो।”
थाना प्रभारी ने ये भी कहा कि वर्तमान में वे एक गंभीर मुकदमे में व्यस्त हैं, लेकिन जैसे ही हाथ खुलेंगे, वह इस नशा कारोबार के खिलाफ ज़ोरदार अभियान चलाएंगे।
क्या किसान यूनियन ऐसे तस्करों के साथ खड़ी है?
अब बड़ा सवाल यह है कि भारतीय किसान यूनियन संघर्ष मोर्चा किन लोगों का साथ दे रही है? जिन युवाओं पर नशा तस्करी का शक है या जिनके रिश्तेदार खुद इस धंधे में लिप्त हैं, क्या उनका बचाव कर यूनियन खुद अपनी छवि धूमिल नहीं कर रही?
शहजाद बद्री का यह कहना बिल्कुल वाजिब ठहरता है कि –
“मैंने जो भी कहा, वो जनता और पुलिस दोनों के सामने सच साबित हो गया है। यूनियन को चाहिए कि सच के साथ खड़ी हो, न कि नशा तस्करों के पक्ष में ज्ञापन देने पहुंचे।”
पुलिस की चेतावनी: घर-घर जाकर कहो – “नशा छोड़ो, नहीं तो जेल मिलेगा”
इंस्पेक्टर साहब ने भाकियू प्रतिनिधियों को यह सख़्त निर्देश भी दिए कि वे अपने गांवों में जाकर सबको चेतावनी दें कि स्मैक का धंधा बंद करें। वरना कठोर कार्रवाई तय है – चाहे वह कोई भी हो।