गांव गोगवान में राशन कोटा गायब, कोटेदार पर बिक्री के आरोप – योगी सरकार की गाइडलाइन भी हो रही ध्वस्त!
गांव गोगवान (जिला शामली, यूपी):
गरीबों का हक़ छिन रहा है और प्रशासन खामोश बैठा है। गांव गोगवान के ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि कोटेदार खुलेआम राशन का कोटा बेच रहा है और पात्र लोगों को उनका पूरा हक़ नहीं मिल रहा।
ग्रामीणों ने बताया कि कोटेदार तय मात्रा से कम राशन देता है, जबकि योगी आदित्यनाथ सरकार की गाइडलाइन साफ़ कहती है कि –
- प्राथमिक परिवार (PHH) को प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज हर महीने मिलना चाहिए।
- अंत्योदय (AAY) परिवारों को प्रति परिवार 35 किलो अनाज दिया जाना अनिवार्य है।
- यह अनाज बेहद सस्ते दामों पर उपलब्ध होना चाहिए: गेहूँ ₹2/किलो और चावल ₹3/किलो।
लेकिन गोगवान गांव में यह नियम केवल कागज़ों पर है। हक़ की रोटी मिलने के बजाय गरीबों को लाइन लगाकर भी कम राशन थमाया जा रहा है। ग्रामीणों के पास इसका वीडियो सबूत भी मौजूद है।
ग्रामीणों की पीड़ा
गांव के लोगों का कहना है –
👉 “महंगाई और बेरोज़गारी में सरकार का राशन ही सबसे बड़ा सहारा है, लेकिन जब कोटेदार ही खुलेआम चोरी करेगा तो गरीब कहाँ जाए?”
👉 “हमने कई बार शिकायत की लेकिन जिला प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।”
प्रशासन पर सवाल
ग्रामीणों ने सीधा सवाल उठाया – जब प्रदेश सरकार PDS को डिजिटल बनाने, फैमिली आईडी लागू करने और पारदर्शिता बढ़ाने की बातें करती है, तो फिर गोगवान जैसे गांव में गरीबों का राशन क्यों कट रहा है?
जनता की चेतावनी
ग्रामीणों ने साफ कहा है कि अगर जल्द ही कोटेदार पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे सड़क पर उतरकर विरोध करने को मजबूर होंगे।