
नैनीताल में नफ़रत की आंधी के सामने अकेली दीवार बनी ‘शैला नेगी’, अब मिली रेप की धमकी
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भीड़ की हिंसा और सांप्रदायिक नफ़रत के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाली साहसी हिंदू युवती बनी निशाना, परिवार को भी मिल रही धमकियाँ
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नैनीताल, संवाददाता:
उत्तराखंड के नैनीताल में बीते दिनों एक बेहद चिंताजनक और शर्मनाक घटना सामने आई है। जहां एक तरफ़ एक मुस्लिम युवक पर नाबालिग लड़की से बलात्कार का आरोप लगाकर पुलिस ने उसे गिरफ़्तार किया, वहीं दूसरी ओर इस मामले को आधार बनाकर शहर में सांप्रदायिक तनाव और नफ़रत की आग भड़काने की साज़िशें भी शुरू हो गईं।
स्थानीय हिंदू संगठनों से जुड़े कुछ उपद्रवियों ने न केवल मुस्लिम दुकानों और संपत्तियों पर हमला किया बल्कि शहर की जामा मस्जिद पर भी पथराव किया। सड़कों पर जुलूस निकालकर भड़काऊ नारेबाज़ी और आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं। ऐसे नाजुक माहौल में जब पूरा शहर खामोश तमाशबीन बना हुआ था, तभी एक आवाज़ उठी — वो आवाज़ थी शैला नेगी की।
धर्म से हिंदू लेकिन इंसानियत की सच्ची आवाज़।
शैला नेगी ने नफ़रत की भीड़ के सामने खड़े होकर न केवल तर्कपूर्ण सवाल किए बल्कि हिंसा और नफ़रत के खिलाफ़ डटकर विरोध भी दर्ज कराया।
वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि युवती उपद्रवियों से सवाल करती है —
“परसो गौशाला में गाय के साथ बलात्कार हुआ, तब तुम सब खामोश थे। आज बेगुनाह मुस्लिम दुकानदारों पर हमला कर रहे हो। कल मेरे भाई को मारोगे तब कौन बचेगा? क्या वो भी तुम्हारी तरह व्यापारी और मज़दूर नहीं है?”
भीड़ के पास इस सवालों का कोई जवाब नहीं था और वह भागती नज़र आई।
इतना ही नहीं, युवती ने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों से भी सख़्त सवाल पूछे —
“आपकी मौजूदगी में ये नफ़रत फैल रही है, आप क्या कर रहे हैं?”
शैला नेगी की इस साहसिक पहल के बाद से ही उसे और उसके परिवार को लगातार रेप व जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। इस संबंध में स्थानीय प्रशासन से युवती और उसके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई है।
शैला नेगी और उसके परिवार को सलाम, जिन्होंने यह दिखा दिया कि जब नफ़रत की भीड़ के सामने सच और इंसाफ़ की आवाज़ बुलंद होती है तो नफ़रत खुद-ब-खुद पराजित हो जाती है। आज नैनीताल की सरज़मीं पर वही नफ़रत इस साहसी लड़की के सामने भरभराकर गिरती नज़र आ रही है।
— NDUP ब्यूरो रिपोर्ट