
किसानों की अस्मिता पर आर-पार की लड़ाई — महापंचायत में दिग्गजों की हुंकार
नरेश टिकैत का बड़ा ऐलान, इकरा हसन, हरेंद्र मलिक, मदन भैया समेत पश्चिम यूपी के नेता जुटे एक मंच पर
मुजफ्फरनगर, संवाददाता | NDUP
मुजफ्फरनगर के ऐतिहासिक जीआईसी मैदान में आज किसानों की अस्मिता, सम्मान और पगड़ी के गौरव की रक्षा के लिए बुलाई गई किसान मजदूर सम्मान महापंचायत में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े-बड़े जनप्रतिनिधि और किसान नेता एक मंच पर आकर एकजुट हो गए।
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने सभा को संबोधित करते हुए स्पष्ट कर दिया — ‘‘यह केवल मेरी नहीं, पूरे किसान समाज की पगड़ी का सवाल है। अगर महापंचायत में समाधान नहीं निकला तो मैं अपनी पगड़ी खुद उतार दूंगा।’’ इस ऐलान के साथ महापंचायत का माहौल और भी ज्यादा गरमा गया।
दिग्गजों की ऐतिहासिक एकजुटता
महापंचायत की सबसे बड़ी खासियत रही कि किसान राजनीति और पश्चिम यूपी की सियासत के बड़े चेहरे मंच पर एक साथ नजर आए।
कैराना सांसद इकरा हसन, जो किसानों के बीच अपनी साफ छवि और दमदार आवाज के लिए जानी जाती हैं, उन्होंने कहा — ‘‘यह लड़ाई पगड़ी की नहीं, किसान की अस्मिता की है। मैं हर मंच पर किसानों की आवाज बनूंगी।’’ इकरा हसन के पहुँचते ही महिलाओं और युवाओं में जबरदस्त उत्साह देखा गया।
सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने किसानों का मंच संभालते हुए दो टूक कहा — ‘‘पगड़ी का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी किसान का अपमान करेगा, उसे माफ नहीं किया जाएगा।’’ हरेंद्र मलिक की बात पर मैदान में जोरदार नारे लगे।
खतौली विधायक मदन भैया, जो किसान हितैषी नेता के रूप में जाने जाते हैं, उन्होंने हुंकार भरी — ‘‘किसानों के स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। पगड़ी का सम्मान हर हाल में बचाया जाएगा।’’ उनकी इस बात पर युवा किसानों की भीड़ जोश में आ गई।
बुढ़ाना विधायक राजपाल बालियान ने भी किसानों के सम्मान में बड़ा बयान दिया और कहा — ‘‘किसान की इज्जत सबसे ऊपर है, हम हर कीमत पर साथ खड़े हैं।’’
मेरठ सरधना विधायक अतुल प्रधान ने मंच से घोषणा की — ‘‘पगड़ी पर अगर कोई उंगली उठाएगा तो हम चुप नहीं बैठेंगे। यह किसानों का अपमान है, हर मोर्चे पर लड़ाई लड़ी जाएगी।’’
इन सभी नेताओं का मंच पर पारंपरिक पगड़ी पहनाकर सम्मान किया गया। मंच पर चौधरी राकेश टिकैत भी पहुंचे और उन्होंने कहा — ‘‘किसानों को कमजोर समझने की भूल न की जाए। हम अपने सम्मान की रक्षा के लिए हर कुर्बानी को तैयार हैं।’’
सुबह से जुटी किसान भीड़
सुबह होते ही जीआईसी मैदान किसान भाइयों से पट गया। ट्रैक्टर-ट्रॉली, मोटरसाइकिलों और पैदल किसान मैदान में आकर डट गए। महापंचायत का समय 11 बजे से 2 बजे तक तय किया गया था, मगर दोपहर होते-होते मैदान में पैर रखने तक की जगह नहीं बची।
क्या आज होगा ऐतिहासिक फैसला?
किसानों की पगड़ी और सम्मान के मुद्दे पर बुलाई गई इस महापंचायत से उम्मीद की जा रही है कि आज पश्चिम यूपी की राजनीति में एक नई पटकथा लिखी जाएगी। नरेश टिकैत का कड़ा रुख और नेताओं की ऐतिहासिक एकजुटता से साफ है कि अब यह आंदोलन केवल स्थानीय नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर असर छोड़ने वाला है।
NDUP संवाददाता की ग्राउंड रिपोर्ट लगातार जारी रहेगी।
— रिपोर्ट: शाहज़ाद बदरी, मुख्य संपादक, NDUP