
सऊदी अरब में भीषण रेत का तूफ़ान: भारतीय मुस्लिम समुदाय ने बताया ‘अल्लाह का अजाब’
रियाद/नई दिल्ली, 6 मई 2025 — सऊदी अरब के कई हिस्सों में हाल ही में आए भीषण रेत के तूफ़ान ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। अल-क़सीम और रियाद जैसे प्रमुख क्षेत्रों में यह तूफ़ान कुछ ही मिनटों में फैल गया, जिससे दृश्यता में भारी कमी आई और यातायात प्रभावित हुआ।
इस प्राकृतिक आपदा को लेकर भारत के मुस्लिम समुदाय में गहरी चिंता और धार्मिक भावनाएँ उभर कर सामने आई हैं। कई लोगों ने इसे ‘अल्लाह का अजाब’ (ईश्वर का प्रकोप) करार दिया है, जो मानवता को उसके कर्मों के लिए चेतावनी देता है।
पर्यावरणीय चिंताएँ और ‘नीओम’ परियोजना
सऊदी अरब की महत्वाकांक्षी ‘नीओम’ परियोजना, जो 500 अरब डॉलर की लागत से एक भविष्यवादी शहर के निर्माण की योजना है, पर भी पर्यावरणीय प्रभावों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जलवायु वैज्ञानिक डोनाल्ड वेब्बल्स ने चेतावनी दी है कि इस परियोजना के कारण स्थानीय मौसम प्रणाली में बदलाव हो सकते हैं, जिससे रेत के तूफ़ानों की तीव्रता बढ़ सकती है।
भारतीय मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया
भारत में सोशल मीडिया पर कई मुस्लिम उपयोगकर्ताओं ने इस तूफ़ान को ईश्वरीय चेतावनी के रूप में देखा है। उनका मानना है कि यह घटना मानवता को उसके कर्मों पर विचार करने और सही मार्ग अपनाने की प्रेरणा देती है।
निष्कर्ष
सऊदी अरब में आया यह भीषण रेत का तूफ़ान न केवल एक प्राकृतिक आपदा है, बल्कि यह वैश्विक समुदाय के लिए पर्यावरणीय संतुलन और धार्मिक चेतावनियों पर विचार करने का अवसर भी प्रदान करता है। यह समय है जब हम अपने कार्यों की समीक्षा करें और एक संतुलित एवं जिम्मेदार भविष्य की ओर कदम बढ़ाए।