
रेलवे स्टेशन के बंदरों के मसीहा — महामंडलेश्वर “घोड़ी वाले बाबा जी” का अनूठा सेवाभाव
संवाददाता: शाहज़ाद बदरी, NDUP न्यूज़
शामली/उत्तर प्रदेश।
महामण्डलेश्वर आवाहन अखाड़ा १६ मढ़ी कर्मयोगी संत श्री दया शंकर देव पुरी जी, जिन्हें आम जनमानस बड़े प्रेम से “घोड़ी वाले बाबा जी” के नाम से जानते हैं, एक बार फिर अपने अनूठे सेवाभाव के लिए चर्चा में हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के करीबी माने जाने वाले बाबा जी न केवल आध्यात्मिक क्षेत्र में बल्कि सामाजिक सेवा में भी मिसाल कायम कर रहे हैं।
शामली रेलवे स्टेशन पर हर रोज़ का दृश्य कुछ यूं होता है — बाबा जी अपने हाथों से बंदरों के झुंड को भोजन कराते हैं। फल, चना, और अन्य पौष्टिक आहार वे बिना थके रोज बांटते हैं। ये कोई दिखावा नहीं, वर्षों से बाबा जी यह सेवा निस्वार्थ भाव से कर रहे हैं।
बाबा जी कहते हैं — “जीव सेवा ही सच्ची प्रभु सेवा है। ये बंदर हमारे छोटे भाई हैं, इनके पेट भरने से प्रभु भी प्रसन्न होते हैं।”
सिर्फ बंदर ही नहीं, रेलवे स्टेशन और आसपास के दूसरे पशु-पक्षियों के लिए भी बाबा जी का दरिया दिल हमेशा खुला रहता है।
देश के प्रमुख महामण्डलेश्वरों में शामिल दया शंकर देव पुरी जी का नाम हिंदुस्तान के बड़े-बड़े साधु-संतों में गिना जाता है। आध्यात्मिक जगत में ऊँचा स्थान रखने के साथ-साथ वे समाज सेवा में भी अग्रणी हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बाबा जी की सादगी और करुणा ने उन्हें आम जनता का मसीहा बना दिया है। किसी भी धार्मिक आयोजन में या सामाजिक समस्या में वे हमेशा आगे रहते हैं।
यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी भी उन्हें विशेष सम्मान और आदर की दृष्टि से देखते हैं।
NDUP न्यूज़ के मुख्य संपादक शाहजाद बदरी की इस विशेष रिपोर्ट के माध्यम से हम बाबा जी की इस सेवा भावना को सलाम करते हैं।