
“PMCH विवाद में मनीष कश्यप अकेले, भाजपा का समर्थन नदारद”
पटना, 22 मई 2025 — पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (PMCH) में यूट्यूबर और भाजपा नेता मनीष कश्यप के साथ हुई घटना ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। कश्यप का दावा है कि वे एक मरीज की मदद के लिए अस्पताल गए थे, जहां उनका महिला जूनियर डॉक्टर से विवाद हो गया। इस विवाद के बाद, उन्होंने अस्पताल परिसर में वीडियो रिकॉर्ड करना शुरू किया, जिससे ड्यूटी पर मौजूद जूनियर डॉक्टर नाराज़ हो गए। इसके परिणामस्वरूप, डॉक्टरों ने उन्हें लगभग तीन घंटे तक एक कमरे में बंद कर दिया और उनके साथ मारपीट की गई। बाद में, पुलिस ने हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रित किया ।
इस घटना के बाद, मनीष कश्यप को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें साझा कीं, जिसमें वे अस्पताल के बिस्तर पर ऑक्सीजन मास्क के साथ दिखाई दे रहे हैं ।
डॉक्टरों का आरोप है कि मनीष कश्यप ने महिला डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार किया, जबकि मनीष कश्यप ने इन आरोपों से इनकार किया है और दावा किया है कि डॉक्टरों ने बिना किसी उकसावे के उन पर हमला किया ।
इस घटना के बाद, बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने मनीष कश्यप का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली। उन्होंने मनीष पर लगे आरोपों को खारिज किया और PMCH के डॉक्टरों की कार्यशैली पर सवाल उठाए ।
हालांकि, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व या प्रवक्ताओं की ओर से मनीष कश्यप के समर्थन में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यहां तक कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी, जहां मनीष के समर्थकों की संख्या अधिक है, भाजपा ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। इससे यह संकेत मिलता है कि पार्टी अपने हितों के अनुसार समर्थन देती है और जब कोई मामला विवादास्पद हो जाता है, तो वह दूरी बना लेती है।
मनीष कश्यप, जो 2024 में भाजपा में शामिल हुए थे और झारखंड एवं दिल्ली चुनावों में पार्टी के लिए प्रचार कर चुके हैं, इस समय अपने समर्थकों के भरोसे हैं। यह घटना लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सार्वजनिक संस्थानों में पारदर्शिता की आवश्यकता पर एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाती है।
इस घटना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए, आप निम्नलिखित वीडियो देख सकते हैं: