
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2026: जनता के फैसले की घड़ी, विकास बनाम भ्रष्टाचार की जंग
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियाँ जोरों पर हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने संकेत दिए हैं कि ये चुनाव जनवरी–फरवरी 2026 में आयोजित किए जा सकते हैं। प्रदेश में 57,691 ग्राम पंचायतें, 826 ब्लॉक और 75 जिला पंचायतें हैं। चुनावों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने 67 जिलों में मतपेटिकाओं की आपूर्ति हेतु ई-टेंडर जारी किया है।
चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ भी तेज हो गई हैं। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद इन चुनावों को 2027 विधानसभा चुनाव से पहले का “सेमीफाइनल” मानते हुए दलित और पिछड़े वर्गों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने की योजना बना रहे हैं।
इस चुनाव में जनता के सामने एक महत्वपूर्ण सवाल है: क्या वे भ्रष्टाचार में लिप्त प्रधानों को फिर से चुनेंगे, या उन उम्मीदवारों को मौका देंगे जिन्होंने विकास के लिए ईमानदारी से काम किया है?
हमारी राय में, जनता को चाहिए कि वे ऐसे उम्मीदवारों को चुनें जो पारदर्शिता, विकास और समाज की भलाई के लिए प्रतिबद्ध हों। भ्रष्टाचार, नशाखोरी और अपराध को बढ़ावा देने वालों को सत्ता से दूर रखना ही गांवों के उज्ज्वल भविष्य की कुंजी है।
आइए, इस चुनाव में एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाएं और अपने गांव के विकास के लिए सही निर्णय लें।