
अमेरिका का इज़राइल पर दबाव: ग़ज़ा युद्ध रोकने की अपील, अंतरराष्ट्रीय आलोचना तेज़
22 मई 2025 | विशेष रिपोर्ट
ग़ज़ा में जारी युद्ध को लेकर इज़राइल पर अंतरराष्ट्रीय दबाव लगातार बढ़ रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा जैसे प्रमुख सहयोगी देशों ने इज़राइल से सैन्य कार्रवाई रोकने और मानवीय सहायता सुनिश्चित करने की अपील की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से युद्ध समाप्त करने और सहायता मार्ग खोलने का आग्रह किया है, विशेषकर ग़ज़ा में बच्चों की दुर्दशा के दृश्य सामने आने के बाद ।
ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने इज़राइल को चेतावनी दी है कि यदि वह ग़ज़ा में सैन्य कार्रवाई नहीं रोकता और मानवीय सहायता की अनुमति नहीं देता, तो वे “ठोस कदम” उठाएंगे, जिनमें आर्थिक प्रतिबंध भी शामिल हो सकते हैं । ब्रिटेन ने पहले ही इज़राइल के साथ मुक्त व्यापार वार्ता को निलंबित कर दिया है और पश्चिमी तट में हिंसा के लिए ज़िम्मेदार इज़राइली बस्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं ।
इज़राइल ने हाल ही में ग़ज़ा में 100 सहायता ट्रकों को प्रवेश की अनुमति दी है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र और सहायता संगठनों का कहना है कि यह सहायता अपर्याप्त है और वितरण में बाधाएं बनी हुई हैं । ग़ज़ा में खाद्य असुरक्षा गंभीर स्तर पर पहुंच गई है, और लगभग 25% जनसंख्या भुखमरी के कगार पर है।
नेतन्याहू ने कहा है कि वह हमास के खिलाफ सैन्य अभियान जारी रखेंगे और ग़ज़ा पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करेंगे, हालांकि उन्होंने अस्थायी युद्धविराम की संभावना से इनकार नहीं किया है, विशेषकर बंधकों की रिहाई के लिए ।
इस बीच, कतर में इज़राइल और हमास के बीच युद्धविराम वार्ता जारी है, लेकिन क़तरी प्रधानमंत्री ने कहा है कि दोनों पक्षों के बीच “मौलिक अंतर” के कारण वार्ता में प्रगति नहीं हो रही है ।
ग़ज़ा में अब तक 53,600 से अधिक फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं, जबकि इज़राइल में हमास के हमले में 1,200 लोग मारे गए थे ।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बढ़ती आलोचना और सहयोगी देशों के दबाव के बावजूद, इज़राइल की सरकार अपने सैन्य अभियान को जारी रखने के पक्ष में है, जिससे क्षेत्र में मानवीय संकट और गहरा सकता है।
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संपादकीय टिप्पणी: ग़ज़ा में मानवीय संकट की गंभीरता को देखते हुए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय का इज़राइल पर दबाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका और अन्य सहयोगी देशों की अपीलों के बावजूद, इज़राइल की कठोर नीति और हमास के खिलाफ सैन्य अभियान जारी हैं। यह स्थिति न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है, बल्कि वैश्विक मानवीय मूल्यों की भी परीक्षा है।