
अलीगढ़ में मीट व्यापारियों पर हमला: जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने की निष्पक्ष जांच की मांग
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में 24 मई 2025 को एक
गंभीर घटना सामने आई, जहां चार मुस्लिम युवकों—कदीम, अली, अरबाज और एक अन्य—को प्रतिबंधित मांस ले जाने के संदेह में भीड़ ने बेरहमी से पीटा और उनके ट्रक में आग लगा दी। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से पीड़ितों की जान बचाई जा सकी, और उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया।
पुलिस जांच में सामने आया कि पीड़ित युवक मीट व्यापारी थे और उनके पास वैध लाइसेंस एवं फैक्ट्री की रसीदें थीं। फॉरेंसिक जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि वे प्रतिबंधित मांस नहीं ले जा रहे थे। पुलिस ने इस हमले को पूर्व नियोजित साजिश बताया, जिसका उद्देश्य ₹50,000 की वसूली था।
घटना के बाद, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के पदाधिकारियों ने अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) संजीव सुमन से मुलाकात की। उन्होंने निष्पक्ष जांच और मॉब लिंचिंग रोधी कानून के तहत सख्त कार्रवाई की मांग की।
पुलिस ने हिंदूवादी संगठन से जुड़े 13 नामजद और 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास, डकैती और वसूली जैसी गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। तीन नामजद आरोपियों—विजय गुप्ता, विजय बजरंगी और लवकुश—को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है।
यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि सामाजिक सौहार्द के लिए भी गंभीर प्रश्न उठाती है। समाज में शांति और न्याय सुनिश्चित करने के लिए ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई और मॉब लिंचिंग के खिलाफ प्रभावी कानून की आवश्यकता है।