
आज, 29 मई 2025 को, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के सच्चे हितैषी चौधरी चरण सिंह जी की पुण्यतिथि पर हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उनका जीवन किसानों के अधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए समर्पित था।
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किसान मसीहा: चौधरी चरण सिंह का जीवन परिचय
चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ था। उन्होंने 1923 में बीएससी, 1925 में एमए (इतिहास) और 1927 में एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेते हुए वे कई बार जेल गए, और महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित होकर उन्होंने किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
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राजनीतिक सफर और किसान हितैषी नीतियाँ
चौधरी चरण सिंह 1937 में पहली बार संयुक्त प्रांत की विधान सभा के सदस्य बने। उन्होंने 1952 में उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम पारित कराया, जिससे जमींदारी प्रथा समाप्त हुई और किसानों को भूमि का स्वामित्व मिला। 1953 में उन्होंने ‘होल्डिंग्स समेकन अधिनियम’ लागू किया, जिससे छोटे किसानों को लाभ हुआ। 1966-67 के सूखे के दौरान उन्होंने किसानों को बाजार मूल्य से अधिक समर्थन मूल्य दिलवाया, जो आज के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की नींव बना।
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प्रधानमंत्री कार्यकाल और विरासत
चौधरी चरण सिंह ने 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक भारत के पांचवें प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। हालांकि उनका कार्यकाल संक्षिप्त था, लेकिन उन्होंने किसानों के मुद्दों को राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में लाया। उनकी ईमानदारी और सादगी के लिए वे आज भी याद किए जाते हैं। उनकी स्मृति में दिल्ली में ‘किसान घाट’ बनाया गया है, जहाँ हर साल किसान और आमजन उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
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भारत रत्न और सम्मान
चौधरी चरण सिंह को 30 मार्च 2024 को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया, जो किसानों के योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने का प्रतीक है। उनके नाम पर मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी स्थापित है। उनकी जयंती, 23 दिसंबर, को ‘किसान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
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निष्कर्ष
चौधरी चरण सिंह का जीवन किसानों के अधिकारों, सामाजिक न्याय और ईमानदारी की मिसाल है। उनकी नीतियाँ आज भी प्रासंगिक हैं और किसानों के कल्याण के लिए मार्गदर्शक हैं। उनकी पुण्यतिथि पर हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके विचारों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं।