
गोगावाँ गाँव में बिजली गुल: हर तीसरे दिन अँधेरा, योगी सरकार का आदेश भी फ़िक
🔌समस्या का मसला और विद्यार्थियों की कठिनाइयाँ:
⚠️ बिजली विभाग का पोल खुला:
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🏛️ योगी सरकार के निर्देश: सिर्फ कागजों पर अटके या लागू भी?
- योगी सरकार ने बिजली आपूर्ति में सुधार और नियमित निरीक्षण के आदेश दिए हैं, लेकिन गोगाएवन जैसे क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।
- नवीनीकरण का आरोप है कि स्थानीय अधिकारी और बिजली विभाग के कर्मचारी किसी भी प्रकार के समूह से भी बचते नजर आ रहे हैं।
📢पुजारी की मांगें:
- आदर्श के खिलाफ तत्काल जांच और केस की वैधानिक प्रविष्टि।
- आदर्श पर निर्देशित कार्रवाई और भविष्य के लिए स्पष्ट आपूर्ति स्टॉक।
- डिविज़न मोबाइल याचिका केंद्र और डोमेन की व्यवस्था।
📰 निष्कर्ष:
योगी सरकार की मंजूरी और मंजूरी की खातिर कश्मीर का मुखिया गोगावां जैसे को झेलना पड़ रहा है, जहां बिजली के अधिकार तक सुचारु नहीं मिले। योगी सरकार को चाहिए कि वह सिर्फ कागजों पर निर्देश बंद करे और वास्तविक हिस्सेदारी पर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करे।
यदि आप शुरू करते हैं तो ऊपर के मसौदे में कुछ विशेष आंकड़े (कटौती की तारीख, अवधि, प्रभावित परिवारों की संख्या आदि) सम्मिलित इसे और प्रभावशाली बनाया जा सकता है।
यदि आपको और जानकारी चाहिए- जैसे बिजली विभाग का पक्ष, अन्य प्रभावित गांव, या अधिकारी का बयान- तो कृपया बताएं, मैं भी वोक हूं।