‘गोगावान में हर तीसरे दिन 36 घंटे बिजली गुल — शासन-प्रशासन निंद्रा में!’
🔍 मुख्य बिंदु:
स्थानीय शिकायत: ग्रामीण आरोप लगाते हैं, “हर तीसरे दिन 36 घंटे तक बिजली नहीं होती।” इससे घरों में अँधेरा, खेतों में सिंचाई ठप, और स्वास्थ्य सुविधाओं में अव्यवस्था हो रही है।
क्षेत्रीय प्रकरण: पूरे प्रदेश में गर्मी का प्रकोप—लखनऊ में 40 घंटे तक बिजली गायब रही, अस्पताल और रेलवे स्टेशन तक प्रभावित रहे ।
सरकारी दावे बनाम हकीकत: ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ‘रिकॉर्ड आपूर्ति’ का दावा कर रहे हैं, लेकिन जनता सोशल मीडिया पर वोल्टेज और अनियमित कटौती की शिकायत कर रही है ।
स्थानीय नुकसान: सिंचाई मशीनें बंद, घरों में बिजली अभाव से गर्मी में राहत नहीं—बुजुर्ग, बच्चे, बीमार सब प्रभावित।
🚨 क्या नहीं हो रहा?
प्रशासन की चुप्पी: शिकायत दर्ज होने के बाद भी मेरठ-पावर डिस्ट्रीब्यूशन (PVVNL) के तहत आने वाले हस्टिनापुर (मेरठ) व कैंराना (शामली) डिविजनों में ज़िम्मेदार अधिकारियों की निष्क्रियता बनी हुई है। PVVNL में हाल ही में चार इंजीनियर्स पर आरोप तय होने के बाद भी, स्थानीय स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई ।
शामली प्रशासन की भूमिका: शामली जिले में बिजली कटौती को लेकर अभी तक डीएम/एसडीएम स्तर पर कोई सक्रिय कदम नहीं दिखा—गोगावान जिस सिस्टम में आता है, वहां बिजली विभाग की जांचें भी जुनूनी धीमी रफ्तार में चल रही हैं।
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📣 अब शासन-प्रशासन के सामने हमारी माँगें:
1. शामली व मेरठ दोनों जिलों के डीएम/एसडीएम से त्वरित स्पष्टीकरण मांगें — “गोगावान में हर तीसरे दिन 36 घंटे बिजली क्यों नहीं?”
2. PVVNL किआराणा (शामली) और हस्टिनापुर (मेरठ) डिविजन के अधिकारी शामिल हों — उनसे दिन-विशेष आपूर्ति रोस्टर तत्काल जारी करवाएँ।
3. अधिकारियों पर रिपोर्ट तैयार करें: उनके खिलाफ “निष्क्रियता, खराब कार्य निष्पादन” और सामूहिक जिम्मेदारी की पुष्टि करें (PVVNL में हाल ही में 4 इंजीनियर्स निलंबित/चार्जशीटेड) ।
4. समयबद्ध हल की मांग: प्रशासन को लिखित में नोटिस भेजें – 48 घंटों में उपाय न करने पर RTI/फिर शिकायत याचिका दर्ज करने का इरादा व्यक्त करें।