“शामली में नकली दूध से बन रही मिठाइयाँ, जनता की सेहत से खेल — विभाग सोया, DM से कार्रवाई की माँग”
ज़िला शामली में मिलावटी दूध और नकली मिठाइयों का धंधा लगातार फल-फूल रहा है। गाँव-गाँव में जहाँ भैंसें और गायें कम होती जा रही हैं, वहीं शहरों और कस्बों की मिठाई की दुकानों पर दूध और मावा (खोया) की सप्लाई का रहस्य गहरा होता जा रहा है। आखिर इतना दूध आ कहाँ से रहा है?
सूत्रों के अनुसार, शामली समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में पाउडर से दूध तैयार किया जा रहा है और इसी नकली दूध से मिठाइयाँ बनाई जा रही हैं। यही नहीं, त्योहारों और शादियों के सीजन में मिलावटी खोया और नकली रसगुल्ले, गुलाब जामुन, बर्फी और पेडे बड़ी मात्रा में बेचे जा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग की लापरवाही साफ दिखाई देती है। अब सवाल यह उठता है कि:
- जब गाँवों में दूध की पैदावार घट रही है तो बाजार में इतना दूध और मावा कहाँ से आ रहा है?
- क्या यह सब मिलावटखोरों और विभागीय मिलीभगत का खेल है?
- उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग और दुग्ध विकास विभाग आखिर क्यों सोए हुए हैं?
जनता का कहना है कि इस जहरीले दूध और नकली मिठाइयों ने लोगों की सेहत बिगाड़ दी है। बच्चों में पेट की बीमारियाँ, बुजुर्गों में शुगर और हार्ट की प्रॉब्लम, और बड़ी-बड़ी बीमारियाँ तेज़ी से बढ़ रही हैं।
शामली ज़िले की जनता अब खुलकर सवाल कर रही है —
👉 “DM साहब जवाब दें कि नकली दूध और मिठाइयों पर अब तक कोई बड़ी कार्रवाई क्यों नहीं हुई?”
👉 “नकली दूध से मिठाई बनाने वालों के ख़िलाफ़ क्या कड़ी कार्रवाई की गई?”
👉 “क्या त्योहारों से पहले मिठाइयों की जाँच होगी या मिलावटखोर यूँ ही लोगों की जान से खेलते रहेंगे?”
NDUP की माँग है कि ज़िला शामली में फ़ौरन मिठाई की दुकानों और डेयरियों की जाँच हो, नकली दूध और मिठाइयाँ बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई हो और पूरे उत्तर प्रदेश में मिलावटखोरी के ख़िलाफ़ बड़ा अभियान चलाया जाए।