सच दिखाने की सज़ा: मनीषा मामले की कवरेज करने वाले देसी पत्रकार करमू पर आतंकवाद की धाराएँ, धरमू फ़रार – पत्रकारिता पर सीधा हमला
एनडीयूपी न्यूज़ | हरियाणा
हरियाणा में मनीषा मामले की रिपोर्टिंग करने वाले देसी पत्रकार करमू को पुलिस ने साइबर आतंकवाद सहित 7 संगीन धाराओं में गिरफ़्तार कर लिया। इस कार्रवाई से पूरे क्षेत्र के पत्रकारों और समाज में गहरी नाराज़गी फैल गई है।
सूत्रों के मुताबिक, करमू ने मनीषा प्रकरण में प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। कवरेज के कुछ ही दिनों बाद पुलिस ने उन पर साइबर आतंकवाद, आईटी ऐक्ट और कई अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया। वहीं उनके साथी धरमू भाई अभी भी फ़रार बताए जा रहे हैं और कई अन्य पत्रकार भी पुलिस की राडार पर हैं।
पत्रकारिता पर हमला?
स्थानीय पत्रकारों और बुद्धिजीवियों का कहना है कि यह कार्रवाई सच्चाई दिखाने की सज़ा है। लोकतंत्र में पत्रकारिता को “चौथा स्तंभ” माना जाता है, लेकिन जब कोई कलम सत्ता से सवाल करती है तो उसे झूठे मुक़दमों में फँसाकर डराने की कोशिश की जाती है।
लोगों का कहना है—
“आज करमू पर केस हुआ है, कल यह किसी और पर होगा। अगर पत्रकार चुप हो गए तो आम जनता की आवाज़ कौन उठाएगा?”
CM से अपील
इस पूरे मामले ने हरियाणा सरकार और पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पत्रकार संगठनों और आम जनता ने मांग की है कि माननीय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जी इस मामले पर तत्काल संज्ञान लें और करमू पर लगाए गए संगीन मुक़दमों को तुरंत वापस लिया जाए।
नतीजा क्या होगा?
देखना होगा कि क्या सरकार इस गंभीर मामले में पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता सुनिश्चित करती है या फिर यह कार्रवाई लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कुचलने की ओर एक और क़दम साबित होगी।