
“इस्राइली यहूदी चरमपंथियों का इंसानियत पर हमला — दो बुज़ुर्ग फ़िलिस्तीनी बहनों पर तेज़ाब फेंका, इस्लामी दुनिया से सवाल: अब भी खामोश रहोगे?”
उप-शीर्षक:
“अल-खलील (Hebron) की सड़कों पर ज़ुल्म की इंतिहा — लाचार, विकलांग बहनों पर chemical attack, तस्वीर ने पूरी दुनिया की इंसानियत को शर्मसार कर दिया”
मुख्य खबर (पूरा आर्टिकल):
> फ़िलिस्तीन के मुक़द्दस शहर अल-खलील (Hebron), जो इस वक़्त इस्राइली क़ब्ज़े में है, वहाँ पर इंसानियत को चीर देने वाला एक वाक़या पेश आया। इस्राइली यहूदी चरमपंथियों के एक गिरोह ने दो बुज़ुर्ग फ़िलिस्तीनी बहनों पर खुलेआम तेज़ाब नुमा रासायनिक पदार्थ फेंका।
यह दोनों महिलाएँ विकलांग थीं, व्हीलचेयर पर बैठी थीं और किसी भी तरह की हिफ़ाज़त करने की ताक़त नहीं रखती थीं। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह एक हथियारबंद इस्राइली युवक ने उनकी ओर बेशर्मी से तेज़ाब जैसा liquid उड़ेला, जबकि दूसरी महिला अपनी आंखें ढांक कर रो पड़ी।
इस दिल दहला देने वाले मंजर ने पूरी इंसानी बिरादरी के ज़मीर को हिला दिया है।
घटना की पूरी तफ्सील:
वाक़या अल-खलील के एक रिहायशी इलाक़े में पेश आया जहाँ अक्सर यहूदी बस्तियों के आबादकार फ़िलिस्तीनियों को परेशान करते हैं। चश्मदीद गवाहों के मुताबिक़, यह हमला पहले से सोची-समझी साज़िश का हिस्सा था। हमला करने वाले चरमपंथी यहूदी न सिर्फ़ हथियारों से लैस थे, बल्कि उनके पास chemical पदार्थ भी था।
हमला करने वालों ने बुज़ुर्ग महिलाओं को देखते ही उन पर तेज़ाबनुमा पदार्थ उड़ेल दिया और फिर इलाक़े से फरार हो गए। पीड़ित महिलाएँ गंभीर रूप से झुलस गई हैं और उन्हें नज़दीकी अस्पताल में दाख़िल किया गया है।
फ़िलिस्तीनी समाजिक तंजीमों ने इसे ‘इंसानियत के ख़िलाफ़ जुर्म’ और ‘युद्ध अपराध’ करार दिया है।
इस्लामी दुनिया की ख़ामोशी पर सवाल:
अब सवाल पूरी इस्लामी उम्मत और दुनिया के इंसाफ़पसंद इंसानों से है — क्या हम ऐसे मंज़र देखते रहेंगे और खामोश रहेंगे?
अरब लीग, ओआईसी (Organisation of Islamic Cooperation), संयुक्त राष्ट्र और दुनियाभर की इंसाफ़पसंद सरकारों से यह पूछा जाना चाहिए कि कब तक फ़िलिस्तीन की मजलूम क़ौम पर ज़ुल्म होता रहेगा और दुनिया अपनी आँखें मूँदे रहेगी?
यह हमला सिर्फ़ दो बहनों पर नहीं हुआ — यह हमला पूरी उम्मत-ए-मुस्लिमा की इज़्ज़त पर, हर मुसलमान मां-बहन पर और इंसानियत की बुनियादों पर हुआ है।
इस्राइली फौज की हिफ़ाज़त में पलने वाले चरमपंथी यहूदी अब इस हद तक बेखौफ़ हो चुके हैं कि खुलेआम बुज़ुर्ग, लाचार और विकलांग महिलाओं पर chemical हमला कर रहे हैं और उन्हें कोई रोकने वाला नहीं।
आलमी बिरादरी से अपील:
पूरी दुनिया को अब इंसाफ़ का साथ देना चाहिए। इस्लामी मुल्कों की हुकूमतों को फ़िलिस्तीनियों की आवाज़ बनना होगा। दुनिया के इंसाफ़पसंद लोगों को #BoycottIsrael मुहिम को तेज़ करना चाहिए और हर मंच पर इस ज़ुल्म को उजागर करना चाहिए।
अगर आज भी उम्मत-ए-मुस्लिमा और इंसानियत खामोश रही, तो कल ये आग हर घर तक पहुँचेगी।